जय जवान जय किसान का नारा अब मुझे कुछ झूठा सा लगता है जय जवान जय किसान का नारा अब मुझे कुछ झूठा सा लगता है
यदि निस्वार्थ प्रेम यही है तो प्रेम "प्रेम" के नाम पर कलंकृत है। यदि निस्वार्थ प्रेम यही है तो प्रेम "प्रेम" के नाम पर कलंकृत है।
ज़िंदगी, इसके बारे में जितनी बातें की जाए उतनी ही कम पड़ती है. क्या कहे क्या नही, ये सोचने में ही उम... ज़िंदगी, इसके बारे में जितनी बातें की जाए उतनी ही कम पड़ती है. क्या कहे क्या नही...
कुछ तो बता ऐ ज़िन्दगी, तू इतनी बेरहम क्यों हो गई। कुछ तो बता ऐ ज़िन्दगी, तू इतनी बेरहम क्यों हो गई।
जीवन के रंग ................. जीवन के रंग .................
यूँ ही नहीं बीतती, करवटों में रातें, इस रात की ख़ामोशी में, तेरी यादों का शोर बहुत है...! यूँ ही नहीं बीतती, करवटों में रातें, इस रात की ख़ामोशी में, तेरी यादों का शोर बह...